Tuesday, 19 May 2015

समझ नहीं पाता हूं दिल की जुबान को....

समझ नहीं पाता हूं दिल की जुबान को....


समझ नहीं पाता हूं।।
कैसे तुम्हें बताऊं।।
तुम्हारे निशान को।।

लगता डर हमें।।
नाराज न हो जाओ।।
मेरी तस्वीर ले के।।
तहलका न मचाओ।।
 
तुम्हीं हमें बता दो।।
मेरे ईमान को।।
बदनाम नहीं करूंगा।।
तुम्हारे नाम को।।
 
बचपन से जवानी की।।
कहानी पढ़ लिया हूं।।
महकती काली ओ तुम हो।।
तुमसे मिल लिया हूं।।
 
अपना तो अब समझ लो।।
आशिक नादान को।।

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