Wednesday, 20 May 2015

हम उनके लिए जिन्दगानी मिटा दें… (Heart touching ghazal)

हम उनके लिए जिन्दगानी मिटा दें… (Heart touching ghazal)


अगर हम कहें और वो मुस्कुरा दे
हम उनके लिए जिन्दगानी मिटा दें
हर इक मोड़ पर हम ग़मों को सजा दें
चलो जिन्दगी को मोहब्बत बना दें
अगर खुद को भूले तो कुछ भी न भूले
के चाहत में उनकी खुदा को भुला दें
कभी ग़म की आंधी जिन्हें छू न पाये
वफ़ाओं के हम वो नशेमन बना दें
कयामत के दीवाने कहते हैं हम से
चलो उनके चेहरे से परदा हटा दें
सजा दे सिला दे बना दे मिटा दे
मगर वो कोई फैसला तो सुना दे

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