Monday, 18 May 2015

ज्ञानविधि क्या है?

ज्ञानविधि क्या है?
ज्ञानविधि सिर्फ दो घंटो में आत्मज्ञान प्राप्त करने का एक सरल वैज्ञानिक प्रयोग है। यह ज्ञानीपुरुष परम पूज्य दादाश्री(श्री अंबालाल एम. पटेल, जो "दादा भगवान" के नाम से पहचाने जाते हैं) की अलौकिक कृपा का फल है।
आत्मज्ञान का मतलब खुद के सच्चे स्वरूप को जानना अर्थात् 'आत्मा' की जागृति में आना। अगर आपसे कोई पूछे की आपका नाम क्या है? तो आप कहेंगे कि 'चंदूलाल'। आपको याद नहीं रखना पड़ता कि मेरा नाम 'चंदूलाल' है। अगर कोई चंदूलाल के बारे में भला-बुरा कहे तो आपको दुःख होता है। आपको यह सोचकर दुःख होता है कि यह व्यक्ति मुझे भला-बुरा क्यों कह रहा है?
ऐसा इसलिए होता है कि अभी आप मानते है कि 'मैं ही चंदूलाल हूँ' और जब आप आत्मज्ञान प्राप्त करते हैं तो सिर्फ दो ही घंटों में ज्ञानीपुरुष दादा भगवान की कृपा से आपकी यह बिलीफ कि मैं चंदूलाल हूँ, टूट जाती है। और राइट बिली़फ, कि 'मैं शुद्धात्मा हूँ' आपके अंदर बैठ जाती है। ज्ञान प्राप्त करने के इस प्रयोग को ज्ञानविधि कहते हैं। इससे आपकी बाहर की दुनिया में कुछ नहीं बदलता। सिर्फ अंदर की यह जागृति कि चंदूलाल अलग है और 'मैं शुद्धात्मा हूँ', शुरू हो जाती है।

ज्ञानविधि कौन ले सकते हैं?

अठारह वर्ष या उस से अधिक उम्र के किसी भी जाति और धर्म के लोग आत्मज्ञान ले सकते हैं। ज्ञान लेने के लिए आपको गुरु या धर्म बदलने की आवश्यकता नहीं है। ज्ञानीपुरुष आपको आत्मज्ञान करवा देते हैं और मोक्ष मार्ग पर आगे बढ़ने के लिए आपको मार्गदर्शन देते हैं। ज्ञानीपुरुष की बातें हर एक व्यक्ति के काम की हैं। भले ही वह किसी भी धर्म का पालन करते हों।

ज्ञानविधि प्राप्त करने के लिए कोई शुल्क है?

ज्ञानविधि एक अमूल्य भेंट है, जिसका कोई शुल्क नहीं है।

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