Tuesday, 19 May 2015

पाप का प्रा‍यश्चित

पाप का प्रा‍यश्चित


एक पंडितजी प्रवचन देते हुए कह रहे थे कि-

...

.... पिछले जन्म में किए गए पाप का प्रा‍यश्चित हमें करना पड़ता है और उसका फल भी इस जन्म में भुगतना पड़ता है। 
 
तभी प्रवचन सुन रहे चिंटू ने बगल में बैठे अपने मित्र ‍मिंकू से कहा- अब समझ में आया कि शिक्षिका हमें गृहकार्य क्यों देती है?

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